GT America Devanagari
Family overview
- Ultra Light
- Thin
- Light
- Regular
- Medium
- Bold
- Black
- Ultra Lightचांदी का वरक़ या सिर्फ वरक़, (अन्य नामः वरक या वरख या वर्क), चांदी अथवा शयोजकमांसर्क से बना एक पतरा (पर्ण) है और भारत और पड़ोसी देशों जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश आदि में इसका उपयोग मिठाईयों और व्यंजनों को सजाने के लिए किया जाता है।
- Thinवरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने
- Lightवरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने
- Regularखीर भारतीय व्यंजनों में से एक है जो बहुत समय से बनाया जा रहा है। इसे पुरानी संस्कृति में भी पसंद किया जाता था। खीर के बनाने की विधि भी काफी पुरानी है। इसे बनाने के लिए दूध, चावल और चीनी को मिलाकर उबाला जाता है और इसमें खुशबू और स्वाद के लिए केसर और खोपरा भी डाला जाता है।
- Mediumवरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है।
- Boldएक लीटर छाछ में लगभग २०० ग्राम बाजरे का आटा मिलाकर आग पर चढावें और धीरे धीरे लकड़ी के चाटू से हिलाते रहें. जब यह गाढी हो जाए और उफनने लगे तब नीचे उतार कर स्वाद के अनुसार नमक मिलावें. यदि गाढी ज्य्य्यादा हो जाए तो इसमें ठंडा छाछ और मिलावें. यह राबडी प्राय शर्दी के मौसम में खाई जाती है। साम को गरम गरम खाई जाती है और सुबह इसमे ठंडी में दही मिलाकर बाजरे की रोटी के साथ खाया जाता है।
- Blackचिक्की सामान्य रूप से मूँगफली और गुड़ से बनी पारम्परिक भारतीय मिठाई (भंगुर) है। चिक्की कई प्रकार की होती है, जो पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध है। चिक्की एक स्नैक अर्थात अल्पाहार की श्रेणी में आती है जिसे मुख्य रूप से मूँगफली और गुड़ द्वारा बनाई जाती है।
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Typeface information
GT America is the missing bridge between 19th century American Gothics and 20th century European Neo-Grotesk typefaces. It uses the best design features from both traditions in the widths and weights where they function optimally.